sidh kunjika Fundamentals Explained
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. get more info देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।